Saturday, 16 August 2014

First chapter of Aadyantika

Life is not a drama which any artist may act at his will. In my opinion life is  a continuous flow of consciousness to words its set target. Thus human beings are not social animal but a rational being. This blog contains different dimensions of consciousness and their destination.

जीवन  वह कला नहीं है जो कोई कलाकार अपनी मर्जी से जैसे चाहे वैसी प्रदर्शित कर दे। मेरे बिचार  से जीवन चेतना का अपने निर्धारित  लक्ष्य की ओर  सतत प्रवाह है। इसलिए मानव सामाजिक प्राणी नहीं वे विवेकशील अस्तित्व हैं। इस ब्लॉग में चेतना के विभिन्न आयामों को और उनके गन्तव्य दर्शाया गया है  

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