इस युग में विज्ञान की प्रगति से अनेक क्षेत्रों में सुविधाएं प्राप्त हुई हैं परन्तु मनुष्य की मानसिक और आध्यात्मिक प्रगति पिछड़ गई है। मानसिक समस्याएं और तनाव लगातार बढ़ रहे हैं। यही कारण है कि नर्व, ब्रेन, और हार्ट सम्बंधी बीमारियों के रोगी बढ़ रहे हैं। इतना ही नहीं एंक्जाइटी, नर्वसनैस, और इनसेनिटी ने समाज में अपना व्यापक प्रसार कर लिया है। इनसे बचने का उपाय यह है कि कार्य कते हुए मनुष्य यह सोचे कि यह कार्य परमपुरुष का कार्य है, मेरा नहीं और मैं यह कार्य उन्हें प्रसन्नता देनें के लिए कर रहा हॅूं। इस प्रकार की भावना रखने पर तनाव, नर्वसनैस और मानसिक बीमारियॉं कभी पनप ही नहीं पाएंगी। इतना ही नहीं संस्कार भी नहीं बन पाएंगे।
No comments:
Post a Comment