382 निखिलभयहरम् शिव
भगवान शिव के ध्यान मंत्र में उन्हें ‘‘निखिलभयहरम्’’ कहा गया है। असीमित या अबाधित अस्तित्व को निखिल या अखिल कहते हैं अर्थात् सबके भय को नष्ट करने वाला । जीवन के अनेक क्षेत्रों में मनुष्य अनेक चीजों से डर पाल लेते हैं। पशु भी अपने शत्रुओं से डरते हैं। वर्तमान में मनुष्यों के भौतिक स्तर के भय में कमी आई है पर मानसिक स्तर में भय की बृद्धि हुई है। शिव ने मनुष्यों और पशुओं दोनों को निर्भय करने के लिये अनेक कदम उठाये। बीमारियों से निपटने हेतु चिकित्सा विज्ञान को विकसित किया, शत्रुओं से निपटने के लिये अनेक हथियार बनाये, मानसिक भय को दूर करने के लिये ज्ञान की अनेक शाखाओं को विकसित किया और आत्मिक भय को हटाने के लिये तंत्रविज्ञान को स्थापित किया। पशुओं और पौधों को सुरक्षा देना, पालना और पोषण करना भी उन्होंने सिखाया, इसी लिये उन्हें संसार के दुख/भयहर्ता के नाम से जाना जाता है।
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