Thursday, 2 January 2020

290श्वास का सही या गलत लेना

श्वास का सही या गलत लेना
श्वास का मनुष्य के मन और आत्मा पर गहरा प्रभाव पड़ता है ।मानलो कोई व्यक्ति दौड़ रहा हे तो उसकी श्वास तेज चलने लगती है। इस अवस्था में वह सही सही नहीं सोच सकता। उसकी संवेदनशील इंद्रियाॅं जीभ, नाक आदि उचित प्रकार से काम नहीं कर पाती। इस कारण वह उचित प्रकार से सोच नहीं सकता। इतना ही नहीं, श्वास दायें अथवा बायें या दोनों स्वर से चल रही है यह भी मनुष्य को अनेक प्रकार से प्रभावित करता है। सामान्य श्वास लेते हुए बोझ को उठाने पर कठिनाई होती है इतना ही नहीं अंग भंग भी हो सकते है। परंतु वही बोझ श्वास को रोक कर या पूर्णकुम्भक की अवस्था में सरलता से उठाया जा सकता है, जबकि शून्य कुम्भक की अवस्था में भारी बोझा उठाने पर मृत्यु भी हो सकती है। यह सभी ज्ञान स्वरविज्ञान के अंतर्गत आता है। 

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