Saturday, 18 July 2015

11 : दृष्टि
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एक आकर्षक नवयौवना अपने घर से गन्तव्य तक जाने के लिये निकली। 
रास्ते में अनेक लोगों ने उसे दूर/पास से देखा।
समवयस्क नवयुवतियों ने उसके श्रंगार को, नवयुवकों ने  उसके शारीरिक सौष्ठव की तीक्ष्णता को, व्युटीशियन ने चेहरे और केश  सज्जा को, फैशन डिजायनर ने वस्त्रों को, चोरों ने आभूषणों को, मोची ने चप्पलों को।
समीप से जाते हुए एक फक्कड़ संन्यासी ने भी उसे देखा परंतु वैसे, जैसे वह कोई मिट्टी का ढेर हो।

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