Monday 14 September 2015

23 बँधु बांधव


कौटिल्य  अर्थात  चाणक्य से मिलने आये एक विद्वान ने उनसे पूछा -
"आपके कितने बँधु  बांधव हैं और वे कहाँ रहते  हैं?"
चाणक्य बोले "छह बंधु बांधव हैं और वे मेरे साथ ही रहते हैं।" विद्वान ने फिर कहा - "यहाँ तो  छह हाथ लम्बी और छह हाथ चौड़ी झोपड़ी ही दिखाई दे रही है वे सब कहाँ हैपरिचय  तो कराओ ?"
चाणक्य बोले -
"सत्यम  माता पिता ज्ञानं बुद्धिर्भ्राता  दया सखा 
शांतिः पत्नी क्षमा पुत्रो षष्ठेते मम बान्धवा। " 

अर्थात सत्य मेरी माता हैं पिता ज्ञान हैं बुद्धि भाई और दया सखा हैं , शांति पत्नी और क्षमा पुत्र है,  यही मेरे छह बँधु बांधव हैं।  

विद्वान महोदय ,  साधोसाधोसाधोकहते अश्रुपात करते रहे।  

No comments:

Post a Comment