Saturday 4 April 2020

306 औषधि और वातावरण

औषधि और वातावरण
वह दवा जो सात्विक वातावरण में बनाई जाती है जैसे कि होमियोपैथी में मदरटिंचर जिससे अन्य दवायें बना कर प्रयुक्त की जाती हैं, तो क्या वह बाजार में उपलब्ध अन्य साधारण मदरटिंचर वाली दवाओं की तुलना में अधिक प्रभावी होगी?
इसमें कोई संदेह नहीं  यदि केई दवा / मदरटिंचर सात्विक वातावरण में सात्विक लोगों के द्वारा निर्मित की जाती है तो वह पाजीटिव माइक्रोवाइटा को अधिक आकर्षित करेगी और अन्य साधारण दवाओं की तुलना में रोगियों पर अधिक प्रभावी होंगी।
यदि किसी को साधना में दीक्षित होने से पहले किसी नेगेटिव माइक्रोाइटा जनित बीमारी ने जकड़ लिया था और वह दीक्षा के बाद नियमित रूप से ध्यान करता रहे तो वह बीमारी और अधिक नहीं फैल पायेगी, परतु विभिन्न बीमारियों के लिये रोगी को भोजन संबंधी विभिन्न नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा और विशेष  समयों पर ध्यान करना होगा। यदि किसी को दीक्षा प्राप्त होने के बाद नेगेटिव माइक्रोवाइटा जनित किसी बीमारी ने जकड़ लिया और वह भोजन संबंधी नियमों के नियंत्रण में विधिपूर्वक नियमित ध्यान करता है तो वह रोग पूर्ण रूपसे दूर हो जायेगा। ध्यान धनात्मक माइक्रोवाइटा को आकर्षित करता है और नकारात्मक माइक्रोवाइटा पर नियंत्रण केवल धनात्मक माइक्रोवाइटा के द्वारा ही किया जा सकता है वे नेगेटिव माइक्रोवाइटा को खा लेते हैं। जैसे यदि कोई नेगेटिव माइक्रोवाइटा से होने वाली बीमारी ‘‘पीलिया‘‘ से ग्रस्त हो और वह नियमित ध्यान करता रहे तो वह शीघ्र  ही स्वस्थ हो जायेगा। पेट के केंसर के मामले में कुछ भोजन संबंधी कड़ा नियंत्रण और सावधानियाॅं भी रखना होगीं। इसमें जब रोगी को पेट में दर्द हो तब उसे मीठे स्वाद वाला अर्थात् खट्टे से भिन्न, रस पीकर तत्काल ध्यान में बैठना होगा और ध्यान समाप्त करने के बाद पहले से भिन्न रस पीना होगा। इसके अलावा रोगी को उस भोजन को त्यागना होगा जो पेट में गैस का उत्सर्जन करते हैं जैसे पापड़, फूलगोभी , बंदगोभी, शलजम आदि।

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